मैनपाट का ‘पाताल तोड़ कुआं’, बिना मोटर, बिना बोर… सालभर बहता रहस्यमयी पानी

Reported by:
Edited by:

Agency:News18 Chhattisgarh

Last Updated:February 18, 2025, 13:35 IST

छत्तीसगढ़ का अम्बिकापुर पहले से ठंड के लिए जाना जाता था, तो यहां तिब्बतियों को रहने के लिए मकान और जीवन यापन करने के लिए जमीन दिया गया, जिसको पुनर्वास कहते हैं. अब यहां का कुआं अपने अनोखे रूप के लिए जाना जाता ह…और पढ़ें

X

मोटर

मोटर कि तरह बहता पानी पताल तोड कुआं 

हाइलाइट्स

  • सरगुजा का मैनपाट तिब्बती संस्कृति और पातालतोड़ कुआं के लिए प्रसिद्ध है.
  • पातालतोड़ कुआं का पानी बिना टेक्नोलॉजी के रोजाना बहता है.
  • ठंडा और स्वादिष्ट पानी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है.

अम्बिकापुर:- छत्तीसगढ़ का हिल स्टेशन कहे जाने वाला सरगुजा अक्सर अपनी हसीन वादियों और आदिवासी संस्कृति के लिए देशभर में सुमार है. ऐसे में अम्बिकापुर शहर से लगा ग्रामीण इलाका मैनपाट की बात करें, तो यहां तिब्बती संस्कृति की झलक पाने लोग यहां पहुंचते हैं. लेकिन जब देश आजाद हुआ, तब यहां केवल आदिवासी लोग रहा करते थे. लेकिन फिर चीन ने तिब्बत देश पर कब्जा किया, तो किसी देश ने तिब्बतियों को रहने के लिए जगह नहीं दिया. फिर क्या थी, उस वक्त देश की महिला प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी जी ने तिब्बती लोगों को भारत के अलग-अलग हिस्सों में शरण दी.

तिब्बतियों का यहां पुनर्वास
ऐसे में मौसम के लिहाज से छत्तीसगढ़ का अम्बिकापुर पहले से ठंड के लिए जाना जाता था, तो यहां तिब्बतियों को रहने के लिए मकान और जीवन यापन करने के लिए जमीन दिया गया, जिसको पुनर्वास कहते हैं. इनको शरणार्थी के तौर पर जाना जाता है. ऐसे में जब यहां तिब्बती रहने लगे, तो पहले मुलभूत सुविधा यानी बिजली, पानी की कोई सुविधा नहीं थी. ऐसे में सरगुजा के मैनपाट के ग्राम रोपाखार में स्थित पातालनुमा पानी के पझरे को एक टंकी बनाया गया. तब से आज़ भी ये वैसा ही है. यहां पानी बिना किसी इलेक्ट्रिक साधनों के मोटर, बोर की तरह रोजाना बिना रूके बहता है, जो आपको सालभर वैसा ही बहता दिखेगा.

यहां का पानी बेहद स्वादिष्ट
यही वजह है कि अब इसको पर्यटन के लिहाज से और विकसित किया जा रहा है. यह पानी काफी ज्यादा ठंडा है, जिसको तिब्बती लोग पीते भी थे. कहा जाता है कि पानी ठंडा तो है ही, लेकिन बेहद स्वादिष्ट पानी है. इसके सामने फिल्टर वाला पानी भी फेल नज़र आता है.अब इस पातालतोड़ कुआं के आसपास लोग बस गए, जो आज़ कल इस पाताल तोड़ कुआं के पानी का अपने रोजमर्रा के जीवन में उपयोग कर रहे हैं. यही वजह है कि यहां रहने वाले लोगों को पानी के लिए बोर की आवश्यकता नहीं पड़ती. धीरे-धीरे जब इस पाताल तोड़ कुआं को लोग जानने लगे,तो इसे अब दर्शनीय स्थल के रूप में देखा जा रहा है और विकसित करने का प्लान किया जा रहा है.

homechhattisgarh

मैनपाट का ‘पाताल तोड़ कुआं’, बिना मोटर, बिना बोर… सालभर बहता रहस्यमयी पानी

और पढ़ें

Source – News18