शहर के मेयर का अजीब फरमान, नागरिकों के बीमार पड़ने पर लगाया बैन
Last Updated:January 10, 2025, 09:11 IST
कैलाब्रिया (Calabria) को इटली के गरीब इलाकों में से एक माना जाता है. यहां के दक्षिणी क्षेत्र में बेलकास्ट्रो (Belcastro) नाम का एक कस्बा है. यहां के मेयर का नाम एंटोनियो तोर्चिया (Antonio Torchia) है. उन्होंने शहर के नागरिकों के लिए एक फरमान जारी किया…और पढ़ें
इंसान का बीमार पड़ना, हादसे का शिकार होना उनके बस में कुछ हद तक ही होता है, लेकिन अगर मौसम ही खराब हो, बीमारी फैली हो, हवा में कीटाणु हों तो आखिर कोई खुद को बीमार पड़ने से कैसे रोक सकता है? इंसान बीमार तो पड़ ही जाता है, एक्सिडेंट्स का शिकार भी हो जाता है, पर इटली के एक कस्बे के मेयर ( Italian village peopl banned from getting sick) ने बड़ा ही अजीब फरमान जारी किया है. उन्होंने नागरिकों के बीमार पड़ने पर बैन लगा दिया है. यही नहीं, लोग हादसे में घायल भी नहीं हो सकते!
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार कैलाब्रिया (Calabria) को इटली के गरीब इलाकों में से एक माना जाता है. यहां के दक्षिणी क्षेत्र में बेलकास्ट्रो (Belcastro) नाम का एक कस्बा है. यहां के मेयर का नाम एंटोनियो तोर्चिया (Antonio Torchia) है. उन्होंने शहर के नागरिकों के लिए एक फरमान जारी किया है. फरमान ये है कि नागरिक बीमार नहीं पड़ सकते, न ही किसी गंभीर हादसों का शिकार हो सकते हैं. कुल मिलाकर वो ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़े, या उन्हें चिकित्सकीय सहायता की जरूरत हो.
मेयर ने लोगों को घर से बाहर निकलने से भी मना किया है. (फोटो: Facebook/Comune di Belcastro)
नागरिकों को बाहर निकलने से भी किया मना
उन्होंने नागरिकों को बाहर निकलने से मना किया है, किसी खेल को खेलने से मना किया है, घर के अंदर भी ऐसे किसी कार्य को करने से मना किया है जिससे उन्हें चोट लगे या फिर उनकी तबीयत बिगड़ जाए. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतनी पाबंदियां क्यों लगाई जा रही हैं? दरअसल, एंटोनियो का कहना है कि कस्बे में हेल्थकेयर की सुविधा खराब है. अस्पतालों की कमी है, डॉक्टरों की कमी है. इस वजह से वो इस अजीबोगरीब पाबंदी से प्रशासन का ध्यान कस्बे की ओर खींचना चाह रहे हैं.
45 किमी दूर है इमर्जेंसी सुविधाएं
फिलहाल ये नहीं पता है कि ये नियम कैसे लागू करवाए जाएंगे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये नियम सिर्फ लोगों को भड़काने के लिए नहीं, बल्कि प्रशासन से मदद मांगने के लिए भी है. ये कस्बा काफी अलग और सुनसान इलाके में है, इस वजह से इमर्जेंसी केयर रात में या फिर छुट्टियों में उपलब्ध नहीं होता है. हेल्थकेयर क्लिनिक अक्सर बंद रहती है. सबसे नजदीक का इमर्जेंसी रूम 45 किमी दूर है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सुरक्षित महसूस करना मुमकिन नहीं है, जब आपको पता हो कि जरूरत के वक्त सिर्फ समय पर अस्पताल पहुंचना ही एक मात्र बचने का चारा है. आपको बता दें कि इस कस्बे में 1200 लोग रहते हैं, जिसमें से आधे लोग 65 साल से ज्यादा उम्र के हैं. इस वजह से यहां पर हेल्थकेयर बेहद जरूरी है.
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Source – News18