अलग ही महौल होता है ब्लैक होल के पास, दूसरों को खा कर ‘जवान’ हो जाते हैं तारे
हमारी मिल्की वे गैलेक्सी के केंद्र में स्थित सुपरमासिव ब्लैक होल है जिसे सैजिटेरियस ए* (एसजीआर ए*) नाम दिया गया है. इसके आसपास घने तारों का एक समूह है. ब्लैक होल के तीव्र गुरुत्व बल की वजह से पास के तारों की गति में बहुत तेजी आ जाती है. ऐसे माहौल में तारों का टकराव बहुत अधिक होता है. नए अध्ययन में इन्हीं टकरावों के नतीजों में पाया गया है कि केंद्र के पास के तारों में विलय की घटनाओं से कई बार तारों का जीवन अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाता है.
नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय के नए शोध की अगुआई करने वाली खगोलभौतिकविद सैनायासी रोज का कहना है कि ब्लैक होलके केंद्र के पास का इलाका तेजी से धूमने वाले तारों से बहुत अधिक भरा पड़ा है जिससे तारों की आपस में बार बार अंतरक्रिया होती रहती है. इनसे इन तारों पर क्या सर होता है शोधकर्ताओं ने इसी की पड़ताल की है.
तारों के टकराव में शोधकर्ताओं को दो प्रमुख नतीजे देखने को मिले. तारों में सबसे अंदर कोर की परत सबसे गर्म और घनी होती है, जहां नाभकीय संलयन होता है. इसके आसापास विकिरण और संवहनीय क्षेत्र होते हैं जहां ऊर्जा बाहर की ओर आती है. बाहरी परत फोटोस्फियर तारे की दिखाई देने वाली सतह होती है. ब्लैक होल के पास के माहौल में तारों की तेज गति के साथ उनकी बाहरी परत का क्षरण होता है और उनका भार कम होने लगता है. इससे अंदर की परत दिखने लगती हैं और कई बार तारा अलग ही तरह का दिखाई देने लगता है.
वहां तारों का विलय होने पर उनके कोर मिल जाते हैं, जिससे नए तारे का केंद्रीय भार और घनत्व बढ़ जाता है. इससे कोर में ज्यादा मजबूत गुरुत्व संपीड़न होता है जो नाभकीय प्रतिक्रियाओं की दर तेज कर देता है. इसका नतीजा यह होता है कि तारा अधिक गर्म, चमकीला और पहले से बड़ा तक हो जाता है. ऐसे में यह नया तारा युवा और हाल ही में बना हुआ लगने लगता है, जबकि विलय के पहले तो तारे बहुत अधिक पुराने थे.
इस तरह से कई तारों की तो टकराव की वजह से एक तरह की लॉटरी लग जाती है और ऐसा लगता है कि उनमें नई जान आ गई है. लेकिन इन विशाल और विलय हो चुके तारों का जीवन कम होता है क्योंकि ये बहुत ही तेजी से अपना ईंधन जला कर जल्दी मर जाते हैं.
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इस अध्ययन से वैज्ञानिक गैलेक्सी की विकास की प्रक्रिया को गहराई से समझ सकते हैं. इसमें ब्लैक होल और गैलेक्सी के बीच की अंतरक्रिया भी शामिल है. अध्ययन यह भी बताता है कि सुपरमासिव ब्लैक होल कैसे भार जमा करते हैं और उनके पास के माहौल में तारे की प्रक्रियाएं कितनी अलग होती हैं. यह माहौल गुरुत्व के सिद्धांतों को परखने की प्रयोगशाला भी हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : April 7, 2024, 16:48 IST
Source – News18