न जहर, न ही खौफ… ये सिर्फ नाम के सांप हैं! काट भी लें तो नहीं होगा नुकसान

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Last Updated:September 16, 2025, 10:14 IST

Snakes Facts: बारिश के मौसम में ज़मीन के नीचे छुपे कई सांप बाहर निकल आते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, इनमें से सभी सांप जहरीले नहीं होते हैं, चलिए आज उन्हीं के बारे में जानते हैं… (रिपोर्ट: सावन पाटिल)

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बरसात के मौसम में सांपों का निकलना आम बात है. जैसे ही धरती पर बारिश की बूंदें गिरती हैं. ज़मीन के नीचे छुपे कई जीव-जंतु बाहर निकल आते हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा और डर सांपों को लेकर होता है. खेत, खलिहान, बाड़े, गलियाँ और कभी-कभी घरों तक में सांपों की मौजूदगी से लोग घबरा जाते हैं. अक्सर ये डर जानलेवा नहीं होता, लेकिन अनजाने में उठाया गया कोई कदम जानवर के साथ-साथ इंसान के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है.

बहुत से लोग यह मानते हैं कि हर सांप जहरीला होता है और अगर वह काट ले तो मौत तय है, लेकिन यह बात पूरी तरह गलत है. भारत में पाए जाने वाले लगभग 80% सांप गैर-जहरीले होते हैं. ये इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी भूमिका निभाते हैं.

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इनमें से कई सांप फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले चूहों, कीड़ों और दूसरे जीवों को खाते हैं, जिससे किसान की उपज बचती है. सांपों को मारने से न सिर्फ जैव विविधता को नुकसान होता है, बल्कि अनजाने में हम खुद भी मुश्किल में पड़ सकते हैं — खासकर जब सांप जहरीला हो और हम पहचान न पाएं.

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चेकर्ड कीलबैक (जलसांप): यह सांप तालाब, नहर और खेतों के पास देखा जाता है. इसका रंग हरा और धारीदार होता है. यह पानी में मछलियों का शिकार करता है और इंसानों से दूर ही रहता है.

रैट स्नेक (धामन): भारत का सबसे लंबा गैर-जहरीला सांप. यह खेतों में पाए जाने वाले चूहों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है. बहुत तेज़ रफ्तार से रेंगता है और नुकसान नहीं पहुंचाता. 

दोमुंहा सांप

सैंड बोआ (दोमुंहा सांप): इसका सिर और पूंछ एक जैसे दिखते हैं, जिससे लोग इसे भ्रमित होकर दोमुंहा सांप मानते हैं और डर जाते हैं. यह पूरी तरह सुरक्षित और जमीन के नीचे रहने वाला सांप है.

कैट स्नेक यह हल्का जहरीला तो होता है, लेकिन इंसान के लिए जानलेवा नहीं है. यह आमतौर पर रात को सक्रिय होता है और पेड़ों पर रहता है. ब्लाइंड स्नेक सबसे छोटा सांप होता है, अक्सर लोग इसे कीड़ा समझकर कुचल देते हैं. यह जमीन के नीचे रहता है और बहुत ही मासूम होता है.

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कॉमन वुल्फ स्नेक कई बार करैत जैसा दिखता है, जिससे लोग भ्रमित हो जाते हैं, लेकिन यह जहरीला नहीं होता. रेड सैंड बोआ दोमुंहा सांप की प्रजाति है, यह सांप विशेष रूप से अवैध व्यापार में फंसा रहता है, जबकि यह पूरी तरह सुरक्षित होता है और प्राकृतिक संतुलन के लिए जरूरी है.

अगर आपको किसी सांप का अंदेशा हो, तो उसे मारने के बजाय वन विभाग या स्थानीय एक्सपर्ट को बुलाएं. भारत के वन्य जीव अधिनियम 1972 के तहत सांपों की हत्या गैरकानूनी है. जितना हो सके अपने आसपास के लोगों को बताएं कि हर सांप जानलेवा नहीं होता.

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बारिश के मौसम में जब अगली बार कोई सांप दिखे, तो उसे मारने से पहले ये सोचिए कि क्या वो वाकई जहरीला है? शायद वो आपकी फसलों का रक्षक हो, या प्रकृति का कोई संतुलन बनाए रख रहा हो. सिर्फ डर और भ्रम में कोई मासूम जान न लें — यही समझदारी है.

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न जहर, न ही खौफ… ये सिर्फ नाम के सांप हैं! काट भी लें तो नहीं होगा नुकसान

Source – News18