दुनिया की सबसे बुजुर्ग पेंगुइन: दोगुनी से भी अधिक उम्र, कम अजीब नहीं नाम
Last Updated:April 18, 2025, 19:34 IST
दुनिया के सबसे बुजुर्ग हमबोल्ट पेंगुइन स्प्नेब ने 37वां जन्मदिन मनाया. आमतौर पर पेंगुइन की उम्र 10-15 साल होती है. स्प्नेब 1988 से कॉर्नवॉल के पैराडाइज पार्क जू में रह रही है. लेकिन खास बात ये है कि यह एक रिकॉर…और पढ़ें

स्प्नेब आज दुनिया की सबसे जीवित बुजुर्ग पेंगुइन है. (तस्वीर: Instagram)
हाइलाइट्स
- दुनिया के सबसे बुजुर्ग हमबोल्ट पेंगुइन ने 37वां जन्मदिन मनाया.
- आमतौर पर पेंगुइन की उम्र 10-15 साल होती है.
- स्प्नेब 1988 से पैराडाइज पार्क जू में रह रही है.
अक्सर कई जानवर अपनी सामान्य उम्र से कहीं अधिक जीवन जी कर दुनिया को चौंका देते हैं. ऐसा ही एक जानवर इन दिनों चर्चा में हैं क्योंकि वह अपनी प्रजाति के बाकी जानवरों की तुलना में एक दो साल अधिक नहीं बल्कि दोगुनी से भी अधिक उम्र तक जी गया है. हाल ही में दुनिया के सबसे बुजुर्ग हमबोल्ट पेंगुइन ने अपने 37वां जन्मदिन मनाया है. इसके लिए बाकायदा केक काटा गया, जो कि बर्फ और मछलियों से बना हुआ था. फिर भी यह दुनिया की सबसे ज्यादा उम्र वाली पेंगुइन के रिकॉर्ड से दूर है.
दो से तीन गुना अधिक उम्र
हैरानी की बात ये है कि आमतौर पर पेंगुइन की उम्र 10 से 15 साल की होती है. इस लिहाज से स्प्नेब की उम्र 3 गुना अधिक भी कही जाए तो हैरानी ना होनी चाहिए. स्प्नेब 1988 से कॉर्नवॉल के हायले के पैराडाइज पार्क जू में रह रही है. बीते 16 अप्रैल को ही उसने अपना जन्मदिन मनाया था.
चौंकाती है उम्र
स्प्नेब की देखभाल करने के वाले जू कर्मचारियों का कहना है कि दुनिया भर में जमा किए जाने वाले रिकॉर्ड के मुताकि स्प्नेब अपनी प्रजाति की सबसे बड़ी पेंगुइन है और उसकी उम्र वाकई हर किसी को चौंकाने का काम करती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ज्यादा उम्र होने की वजह से वह बीमार है या ठीक से चल फिर नहीं सकती है. बल्कि उसकी खुराक भी बहुत ही बढ़िया है.
नहीं बना सकी है एक रिकॉर्ड
एक हैरानी वाला फैक्ट आपको जानकर हैरानी होगी कि अभी भी स्प्नेब दुनिया में सबसे ज्यादा जीने वाला पेंगुइन होने का रिकॉर्ड अपने नाम नहीं कर पाई है. यह अनूठा रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के एक पेंगुइन के नाम है जिसका देहांत साल 2023 में हुआ था.
कैसे पड़ा था नाम?
स्प्नेब 1988 में सरे में पैदा हुई थी जिसे जल्दी ही पैराडाइस पार्क जू में पहुंचा दिया गया. लेकिन उसके नाम की भी एक कहानी है. यह अजीब नाम उसकी देखभाल करने वाले ने रखा है. साल 2007 में उसने एक खतरनाक फंगल संक्रमण वाला रोग हुआ था. इस रो को एसपरगिलोसिस कहते हैं. जब उसका इलाज चल रहा था तो उसे नेब्युलाइजर के लिए स्प नाम की दवा दी जा रही थी. स्प और नेब को मिला कर उसका नाम स्प्नेब हो गया.
यह भी पढ़ें: इंसानों की तरह संगीत रचते हैं पक्षी, खुद की बनाते हैं अपनी परम्पराएं, पक्षियों के अध्ययन में हुआ रोचक खुलासा!
हम्बोल्ट् पेंगुइन दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर मिलते हैं और खास तौर से चिली और पेरू में पाए जाते हैं. कई बार ये समुद्र में ही लंबी यात्रा कर लेते हैं. पिछले साल ही इनमें से एक ने ऑस्ट्रेलिया के तट पर पहुंच कर दुनिया को चौंका दिया था.
और पढ़ें
Source – News18