Amazing Fact: शरीर के वो कौन से 10 अंग हैं, जिनके बिना इंसान रह सकता है जिंदा?
Last Updated:August 30, 2025, 07:31 IST
यूं तो हमारे शरीर का हर अंग हमारे लिए अहम है. पर क्या आप जानते हैं कि इंसानी शरीर में कुछ ऐसे भी अंग हैं जिन्हें अगर किसी कारणवश निकाल दिया जाए तो इंसान उसके बिना जिंदगी जी सकता है. आज हम आपको ऐसे ही 10 अंगों के बारे में बताने जा रहे हैं.

अक्सर हम सोचते हैं कि शरीर का हर अंग जीवन के लिए जरूरी है, लेकिन सच यह है कि कई ऑर्गन के बिना भी इंसान पूरी तरह से नॉर्मल और हेल्दी लाइफ जी सकता है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर इंद्रनील मुखर्जी ने ऐसे 10 अंग बताए हैं जिनके बिना भी जीवन संभव है. आइए जानते हैं ये अंग कौन से हैं. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

अपेंडिक्स- अपेंडिक्स आंत का एक छोटा और कीड़े जैसा थैला है, जिसका आज की जीवनशैली में खास उपयोग नहीं है. वैज्ञानिक मानते हैं कि यह प्राचीन समय में पौधों को पचाने में मदद करता था. इसके हटने से किसी प्रकार की दवा की जरूरत नहीं पड़ती, न ही कोई बड़ी परेशानी होती है. लोग जल्दी सामान्य जीवन में लौट आते हैं. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

पित्ताशय- पित्ताशय (Gallbladder) एक छोटी थैली होती है जो लिवर से बने पित्त (Bile) को जमा करता है और भोजन पचाने में मदद करता है लेकिन इसके बिना भी लिवर सीधे आंत में पित्त पहुंचा देता है. शुरुआती दिनों में हल्की दिक्कत हो सकती है, लेकिन कुछ ही हफ्तों में शरीर पूरी तरह एडजस्ट कर लेता है. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

किडनी- शरीर में दो किडनी होती हैं जो खून को साफ करती हैं, लेकिन एक किडनी भी यह काम आराम से कर सकती है. इसलिए अगर एक किडनी निकालनी पड़े तो नियमित जांच की ज़रूरत होती है, पर दवाइयों की ज़्यादा ज़रूरत नहीं पड़ती और जीवन सामान्य रहता है. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

पेट- पेट (Stomach) भोजन को स्टोर करने और पीसने का काम करता है लेकिन अगर इसे निकालना पड़े तो खाना सीधे आंत में चला जाता है. ऐसे मामलों में विटामिन सप्लीमेंट, संतुलित खानपान और डॉक्टर की निगरानी ज़रूरी होती है. हालांकि, जीवन संभव है लेकिन भोजन की आदतों में लगातार सतर्कता चाहिए. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

छोटी आंत- छोटी आंत भोजन से पोषक तत्व अवशोषित करती है. इसका एक बड़ा हिस्सा हटने पर “शॉर्ट गट सिंड्रोम” हो सकता है जिसमें दस्त, डिहाइड्रेशन और कुपोषण जैसी समस्याएं होती हैं. कभी-कभी मरीज को इंजेक्शन या आईवी न्यूट्रिशन की भी ज़रूरत पड़ सकती है. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

कोलन- ये भोजन से पानी और पोषक तत्व सोखकर मल तैयार करता है. इसके बिना बार-बार और पतला मल हो सकता है. कुछ मरीजों को पेट पर कोलोस्टॉमी बैग लगाना पड़ता है जिसमें मल जमा होता है. थोड़ी मेहनत और नर्सिंग सपोर्ट से इसके साथ भी सामान्य जीवन संभव है. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

गुदा- अगर गुदा (Anus) हटाना पड़े तो पेट पर नया रास्ता बनाकर अपशिष्ट को बैग में जमा किया जाता है. इसे संभालना एक जीवनभर का काम है, लेकिन इसके बावजूद लोग स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकते हैं. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

अन्नप्रणाली- यह नली (Esophagus) भोजन को गले से पेट तक ले जाती है. इसके हटने पर डॉक्टर आंत या पेट का हिस्सा जोड़कर नया रास्ता बनाते हैं. शुरुआती समय में मरीज को ट्यूब से पोषण दिया जा सकता है, लेकिन धीरे-धीरे लोग बदलती डाइट और जीवनशैली के साथ एडजस्ट कर लेते हैं. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

मूत्राशय- मूत्राशय (Urinary Bladder) मूत्र को जमा करता है. इसके हटने पर पेशाब पेट में बने नए रास्ते से बाहर निकलता है और बैग में इकट्ठा होता है. हालांकि, यह स्थायी बदलाव है, लेकिन उचित देखभाल से लोग सामान्य जीवन और दैनिक गतिविधियां कर सकते हैं. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

फेफड़ा- एक फेफड़ा (Lung) निकल जाने पर सांस लेने की क्षमता घट जाती है. शरीर दूसरा फेफड़ा ज़्यादा काम करके इसकी भरपाई करता है, लेकिन दौड़ना या कठिन शारीरिक गतिविधियां मुश्किल हो जाती हैं. ज़रा-सी एलर्जी, प्रदूषण या संक्रमण खतरनाक हो सकता है, इसलिए सावधानी ज़रूरी है. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)
Source – News18