चमत्कारी कुआं! इसके जल से नहाने से दूर होते हैं शरीर के सभी रोग

विकास कुमार/चित्रकूट : भरतकूप गांव के निकट एक विशाल कुआं है जो चित्रकूट के पश्चिम में लगभग 15 किमी के दूरी पर स्थित है. यह माना जाता है कि भगवान राम के भाई भरत ने अयोध्या के राजा के रूप में भगवान राम को सम्मानित करने के लिए सभी पवित्र तीर्थों से जल एकत्र किया था. भरत, भगवान राम को अपने राज्य में लौटने और राजा के रूप में अपनी जगह लेने के लिए मनाने में असफल रहे. तब भरत ने महर्षि अत्री के निर्देशों के अनुसार, वह पवित्र जल इस कुएं में डाल दिया.

मान्यता है कि यहां के जल से स्नान करने का अर्थ सभी तीर्थों में स्नान करने के समान है. यहां भगवान राम के परिवार को समर्पित एक मंदिर भी दर्शनीय है. उत्तर प्रदेश के कई अन्य लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों की तरह यह हिंदू पौराणिक महाकाव्य, रामायण के एक दिलचस्प प्रसंग से जुड़ा है. इसे हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल भी माना जाता है. भरतकूप में स्थित एक धार्मिक जगह है.जहां पर श्री राम जी, लक्ष्मण जी, भरत जी और शत्रुघ्न जी का मंदिर बना हुआ है.

भरतकूप मंदिर भी अत्यंत भव्य

भारत के कोने-कोने से यहां पर लोग इस अद्भुत कुएं के पानी से स्नान करने के लिए आते हैं. दिनभर भरतकूप गांव में मेला सा लगा रहता है. लोग यहां पर मौजूद मंदिर के दर्शन कर भरतकूप के पानी से स्नान किए बगैर नहीं जाते. यहां पर बना भरतकूप मंदिर भी अत्यंत भव्य है. इस मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन की मूर्तियां विराजमान हैं. सभी प्रतिमाएं धातु की हैं. वास्तुशिल्प के आधार पर मंदिर काफी प्राचीन है.

जाने कुएं की क्या है मान्यता

इस कुएं के बारे में भरत मंदिर के पुजारी भोला प्रसाद ने बताया कि कुएं का जल बहुत ज्यादा पवित्र है और इस कुएं के जल से अगर आप स्नान करते हैं, तो आपके जो भी रोग रहते हैं. वह नष्ट हो जाते हैं. इस कुएं के जल को लोग पीते हैं और अपने साथ शीशी में भरकर लेकर भी जाते हैं. भरत जी ने सभी तीर्थ स्थलों के पवित्र जल को इस कुएं में डाल दिया. इसलिए इस कुएं को भरतकूप के नाम से जाना जाता है.

सभी पवित्र तीर्थों से इकट्ठा किया गया जल

कहा जाता है कि प्राचीन समय में भरत जी, श्री राम जी के राज अभिषेक के लिए यह जल सभी पवित्र तीर्थों से इकट्ठा किए थे. मगर राम जी अयोध्या वापस नहीं लौटे, तो ऋषि अत्री के कहने पर भरत जी ने सभी पवित्र तीर्थों का जल कुएं में ही डाल दिए. इस कुएं के जल में सभी पवित्र तीर्थों का जल मिला हुआ है. इसलिए यह जल सबसे पवित्र है और यह जल मीठा है. इस जल में बीमारियों से लड़ने की शक्तियां भी है. आपको यहां पर चार भाइयों का मंदिर देखने के लिए मिलता है. इस मंदिर का नाम भी चार भाइयों का मंदिर ही है.

(नोट- यह खबर मान्यताओं के आधार पर है न्यूज 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है)

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Source – News18