बीमारियों की दुकान है घर की ये चीज़, पर हर वक्त रहती है हाथ में!
Last Updated:March 15, 2025, 14:50 IST
हमें कई बार ये एहसास ही नहीं होता है कि हमें कौन सी चीज़ बीमार कर सकती है. हम जिसे साफ समझते हैं, वो गंदा होता है और उसके बिना हमारा काम ही नहीं चलता. आज एक ऐसी ही चीज़ के बारे में हम आपको बताएंगे.
घर का ये आइटम होता है सबसे गंदा.
आमतौर पर हम सभी की कोशिश रहती है कि हम अपने घर में साफ-सफाई रखें. घर साफ रखने से आपका रहन-सहन अच्छा दिखता है और बीमारियों से भी बचाव भी बना रहता है. बावजूद इसके कई बार हम उन चीज़ों की सफाई करना भूल जाते हैं, जो कीटाणुओं का घर बनी रहती हैं और हमें पता भी नहीं होता. आज हम आपको ऐसी ही चीज़ के बारे में बताएंगे, जो हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा है लेकिन बीमारियों की दुकान भी है.
हमें कई बार ये एहसास ही नहीं होता है कि हमें कौन सी चीज़ बीमार कर सकती है. हम जिसे साफ समझते हैं, वो गंदा होता है और उसके बिना हमारा काम ही नहीं चलता. आज एक ऐसी ही चीज़ के बारे में हम आपको बताएंगे. हम टॉयलेट सीट और वहां मौजूद चीज़ों पर जर्म्स और बैक्टीरिया होने की कल्पना कर सकते हैं लेकिन हर वक्त हाथ में लिए रहने वाली एक चीज़ के बारे में नहीं सोचते, जो हमारी सेहत पर भारी पड़ रही है. खासतौर पर बच्चों के.
बच्चों के हाथ से फेंक दें रिमोट
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक University of Arizona की एक टीम ने दावा किया है कि हमारे आसपास खतरनाक बैक्टीरिया रहते हैं, जो सामान्य चीज़ों पर मौजूद हैं. Journal of Applied Microbiology के मुताबिक हमारे घर में मौजूद रिमोट पर 48 घंटे तक बैक्टीरिया रहते हैं, जो उसे छूने वाले मेहमान छोड़कर जा सकते हैं. ये घर में सबसे ज्यादा बार इस्तेमाल किया जाता है और इसकी सफाई शायद सबसे कम होती है. इस पर हमारी टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं क्योंकि इसे शायद ही डिसइंफेक्ट किया जाता है. इसे बच्चे खाते वक्त भी छूते हैं और ये उन्हें बीमार बनाता है.
एक और चीज़ है गंदी
इतना ही नहीं स्टडी में ये भी बताया गया है कि जिस स्मार्टफोन से हम पलभर दूर नहीं रहना चाहते हैं, उस पर भी टॉयलेट सीट से दस गुना ज्यादा बैक्टीरिया पाए जाते हैं. इसकी वजह ये है कि हम फोन को हर वक्त अपने साथ रखते हैं. इतना ही नहीं हम जिस तकिया पर सोते हैं, उसका कवर भी आपकी कल्पना से कहीं ज्यादा गंदा है. हमारे सिर और बालों की गंदगी और स्कैल्प पर मौजूद कीटाणु पिलोकेस के संपर्क में आते हैं. इसे जल्दी बदलना ज़रूरी होता है.
Other
March 15, 2025, 14:50 IST
और पढ़ें
Source – News18

