यूरेनस नेप्च्यून 4 दशक से समझे जा रहे थे बर्फीले, स्टडी ने कहा, कुछ और है बात
सौरमंडल के दो अहम ग्रह यूरेनस और नेप्च्यून के बारे में 1980 में वायजर अंतरिक्ष यान ने बड़ा खुलासा किया था. उस समय वैज्ञानिकों ने वायजर से मिली जानकारी के आधार पर यह नतीजा निकाला था कि दो ग्रहों पर भारी मात्री में बर्फ जमी है. जैसा का आमतौर पर होता है बर्फ का मतलब पानी की बर्फ से लगाया जाता है. यहां भी यही माना जाता रहा कि दोनों ग्रह पानी के बर्फ से ढके हैं. लेकिन, एक नए अध्ययन से पता चला है कि इन ग्रहों में पर्याप्त मात्रा में मीथेन बर्फ भी हो सकती है.
बताया जा रहा है कि यह खोज इस पहेली को सुलझाने में मदद कर सकती है कि दोनों ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ. यूरेनस और नेपच्यून पृथ्वी से बहुत ज्यादा दूर रहनेऔर उपलब्ध सीमित डेटा के कारण रहस्य का स्रोत रहे हैं. खगोलविदों ने इन अवलोकनों के आधार पर मॉडल विकसित किए हैं, जो बताते हैं कि ग्रहों में एक पतली हाइड्रोजन और हीलियम आवरण, पानी और अमोनिया की दबी हुआ सुपर आयोनिक परत और एक चट्टानी कोर है, जिसमें पानी का घटक उन्हें “आइस जायंट” या “बर्फ के दानव” नाम देता है.
नया अध्ययन यूरेनस और नेपच्यून की निर्माण प्रक्रिया पर विचार करके इस धारणा को चुनौती देता है. रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही इन ग्रहों ने युवा सूर्य के चारों ओर आदिम धूल के बादल से आकार लिया, उन्होंने वर्तमान समय के धूमकेतुओं के जैसे पिंडों, जिन्हें ग्रहाणु भी कहते हैं, को निगल लिया होगा.
1980 में वायजर के आंकड़ो से पता चला था कि दोनों ग्रह बर्फ के दानव हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: NASA)
तो फिर बर्फ-रहित इमारत ब्लॉकों से एक बर्फीले विशालकाय का निर्माण कैसे संभव है? इस विसंगति को दूर करने के लिए, शोधकर्ताओं ने लोहे, पानी और मीथेन सहित विभिन्न संरचनाओं पर विचार करते हुए, यूरेनस और नेप्च्यून के अंदरूनी हिस्सों के सैकड़ों हजारों मॉडल बनाए. उन्होंने पाया कि मीथेन को शामिल करने वाले मॉडल ग्रहों के देखे गए लक्षणों से सबसे अच्छी तरह मेल खाते हैं.
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मीथेन की मौजूदगी इस विरोधाभास को सुलझाने में मदद कर सकती है कि ये “बर्फ के दानव” कैसे बने. वैज्ञानिकों का प्रस्ताव है कि मीथेन बर्फ तब बनी जब बढ़ते ग्रहों में हाइड्रोजन की कार्बन के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया की, जो विकासशील ग्रहों में ज्यादा मात्रा में पनप गई होगी. भविष्य में इन ग्रहों की ओर भेजे जाने वाले अभियान इन नतीजों की पुष्टि कर सकेंगे.
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FIRST PUBLISHED : April 19, 2024, 17:26 IST
Source – News18