4000 साल पुराने खजाने का रास्‍ता मिला!साइंटिस्‍ट ने सुलझाई पत्‍थर की मिस्‍ट्री

Mystery of Saint-Bélec slab: साइंटिस्ट्स ने 4000 साल पुरानी एक प्राचीन पत्थर की कलाकृति के रहस्य को सुलझाने का दावा किया है. उनका कहना है कि इस पत्थर पर बने रहस्यमय निशान असल में ‘सीक्रेट खजाने’ का नक्शा हो सकता है. कांस्य युग का यह पत्थर ‘सेंट-बेलेक स्लैब’ के नाम से मशहूर है, जिसे 2001 में रिसर्चर्स ने यूरोप के सबसे पुराने नक्शे (Europe’s oldest map) के रूप में बताया था. तभी से वे इसमें बनीं हुई नक्काशियों के छिपे हुए रहस्य को डिकोड करने में लगे हुए थे. 

साइंटिस्ट्स को क्या पता चला?: डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, साइंटिस्ट्स अब इस स्लैब को फ्रांस में खोए हुए स्मारकों (Lost Monuments) की खोज के लिए ‘खजाना नक्शा’ के रूप में मान रहे हैं. वेस्टर्न ब्रिटनी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यवन पैलर ने कहा, ‘पुरातात्विक जगहों को खोजने के लिए नक्शे का इस्तेमाल करना एक अच्छा कदम हो सकता है.’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘यह एक खजाने का नक्शा है.’ 

कितने बड़े एरिया को दर्शाता है नक्शा?

हालांकि, रिसर्चर्स को अभी इस नक्शे को पूरी तरह से समझने के लिए लगभग 15 साल का समय लग सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह नक्शा लगभग 30 किलोमीटर x 21 किलोमीटर एरिया को चिह्नित करता है, जिसका मतलब है कि उस इलाके का सर्वे करना और फिर उसमें खोज करने में काफी समय लगेगा. सीएनआरएस रिसर्च इंस्टिट्यूट से प्रोफेसर यवन पैलर और उनके साथी क्लेमेंट निकोलस उस टीम का हिस्सा थे, जिसने 2014 में इस स्लैब को फिर से खोजा था.

क्या है पत्थर पर बने हुए निशानों का अर्थ?  

रहस्यमय चट्टान के रहस्यों को समझने के लिए पैलर और निकोलस के साथ फ्रांस और दुनिया भर के यूनिवर्सिटिज् के एक्सपर्ट्स भी शामिल हुए. रिसर्चर्स ने बताया कि सेंट-बेलेक स्लैब मोटे उभार और रेखाएं बनी हुई हैं, जो राउडौलेलेक (Roudouallec) में नदियों और पहाड़ों को दर्शाती हैं, जो पेरिस से लगभग 500 किलोमीटर पश्चिम में ब्रिटनी क्षेत्र (Brittany region) का पार्ट है. पत्थर पर छोटे-छोटे गड्ढे भी हैं, जिनके बारे में एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि ये कब्रगाहों या आवासों की ओर इशारा कर सकते हैं.

कब खोजा गया था यह पत्थर?

यह पत्थर पहली बार 1900 में फ्रांस में खोजा गया था, लेकिन फिर 2017 तक एक महल के तहखाने में पड़ा रहा. जिस पर बने हुए रहस्यमयी निशान चार हजार साल से रहस्य बने हुए थे. बाद में, रिसर्चर्स ने इस पत्थर पर बने हुए रहस्यमयी निशानों को समझने के लिए इसकी स्टडी करना शुरू किया. आखिरकार अब जाकर उनको सफलता मिली है. 

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Source – News18