रहस्य बनी हुई थी अंतरिक्ष की चट्टान, इसी ने बिना टकराए चांद पर बनाया था क्रेटर

वैज्ञानिकों ने पाया है कि चंद्रमा में एक क्रेटर बनने के पीछे एक अनोखे क्षुद्रग्रह का हाथ है, जो इस समय सूर्य का चक्कर लगा रहा है, लेकिन यह चंद्रमा से कभी टकराया नहीं है. नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इस क्रेटर के लिए एक चट्टान को जिम्मेदार माना है जो पिछले कई सालों से वैज्ञानिकों के लिए पहली बनी हुई थी. इस चट्टान को कई वैज्ञानिक पहले ऐसा क्षुद्रग्रह मान रहे थे, जो सौरमंडल के  बाहर से आया होगा. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने कहा कि है इसी क्षुद्रग्रह की वजह से ही चंद्रमा पर वह क्रेटर बना था.

साल 2016 में वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में एक रहस्यमयी चट्टान दिखी थी. इसका व्यास 130 से 328 फीट के बीच था. वैज्ञानिकों ने इस क्षुद्रग्रह का नाम कामो’ओलेवा दिया था.सिंघुआ विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री यिफेई जिओ के नेतृत्व में एक शोध दल ने संकेत दिया है कि चट्टान चंद्रमा की एक भूवैज्ञानिक हिस्से से टूटी थी, जिसे जियोर्डानो ब्रूनो क्रेटर के रूप में जाना जाता है. इस क्रेटर का नाम 16वीं सदी के इतालवी ब्रह्माण्ड संबंधी सिद्धांतकार के नाम पर रखा गया था.

नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित शोधपत्र में शोधकर्ताओं ने लिखा है कि उन्होंने टकराव से प्रेरित चंद्र टुकड़ों के पृथ्वी के सह-कक्षीय अंतरिक्ष में स्थानांतरित होने की प्रक्रियाओं का पता लगाया है. कुछ लाख साल पहले जिओर्डानो ब्रूनो क्रेटर के बनने से कामो’ओलेवा के संभावित रूप से बनने की बहुत संभावना है.

mysterious asteroid, asteroid kamo’oalewa, solar system, moon, earth, sun, omg, amazing news, shocking news,

कामो’ओलेवा चट्टान को लेकर वैज्ञानिक 2016 से उलझे हुए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अंतरिक्ष में एक खास क्षुद्रग्रह को सीधे चंद्रमा पर उसके स्रोत क्रेटर से जोड़ेगा और चंद्र सामग्री से बने अधिक छोटे क्षुद्रग्रहों के बनने का सुझाव देगा जो अभी भी पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष में खोजे जाने बाकी हैं. सालों से, खगोलविद अंतरिक्ष चट्टान से आकर्षित रहे हैं क्योंकि यह पृथ्वी जैसी कक्षा में सूर्य की परिक्रमा कर रहा है और लाखों वर्षों तक वहां स्थिर रहने की संभावना है.

यह भी पढ़ें:  जब पूरी दुनिया में हो रही है ग्लोबल वार्मिंग, तो फिर कई जगह बहुत अधिक सर्दी क्यों, शोध ने दिया जवाब

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह टुकड़ा कभी चंद्रमा का हिस्सा रहा होगा क्योंकि स्पेक्ट्रम विश्लेषण के अनुसार, चट्टान चंद्रमा की संरचना से भी पूरी तरह मेल खाती है. कम्प्यूटर मॉडल के जरिए शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि एक टकराव से कामो ओलेवा चंद्रमा से अलग हुआ होगा और उससे 12 मील का क्रेटर बना होगा. उनका कहना है कि चंद्रमा का जियोर्डानो क्रेटर इस गणना में खरा उतरता है. यह क्रेटर और चट्टान एक करोड़ साल पहले अगल हुए होंगे.

Tags: Ajab Gajab news, Bizarre news, OMG News, Weird news

Source – News18