इस गांव में हर घर में है एक फौजी, 3 हजार हैं रिटायर सिपाही

मुकेश राजपूत/बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश में जनपद बुलंदशहर के गांव सैदपुर में हर घर में फौजी हैं. इसे फौजियों के गांव के नाम से भी जाना जाता है. प्रथम विश्व युद्ध से लेकर कारगिल युद्ध तक यहां के जवानों ने शहादत देकर अपने गांव की माटी का नाम रोशन किया है. इस गांव के युवाओं में सेवा में भर्ती होने के लिए अलग ही जोश और जुनून में देखने को मिलता है.

सैदपुर गांव में एक एक घर मे पांच- पांच फौजी हैं. हर घर में फौजी मिलेंगे. कोई भी ऐसा घर नहीं है जहां घर का एक व्यक्ति आर्मी में न हो. इस गांव की आबादी करीब 14 हजार की है तथा इस गांव में वर्तमान में लगभग 1500 युवा सेवा में तैनात हैं और अपने वतन के लिए लड़ने तथा मरने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. गांव में करीब 3 हजार रिटायर सिपाही से लेकर अधिकारी भी अभी मौजूद हैं.

बुलंदशहर जिले का सैदपुर गांव है लोगों के लिए मिसाल

रिटायर सूबेदार मेजर स्वरूप सिंह बताते हैं कि वनवोर से लेकर उनके गांव में आज तक हर घर में फौजी है और यह गांव फौजियों को लेकर काफी दूर-दूर तक मशहूर भी है. इस गांव के जवानों ने जब जब दुश्मनों ने देश पर बुरी नजर से हमला किया है तो उन्होंने अपना बलिदान भी दिया है. उनके गांव में करीब 14 हजार की आबादी है तथा वर्तमान में करीब 1500 युवा सेवा में सेवा दे रहे हैं. यहां के फौजी अपने देश पर मां मिटाने के लिए हर समय तैयार रहते हैं और यहां के युवाओं में सेवा में भर्ती होने का भी एक अलग जुनून रहता है.

गांव के बेटे देश के लिए कर चुके हैं प्राण न्योछावर

उन्होंने बताया कि इस गांव में सैकड़ो से अधिक फौजी देश के शहीद हो चुके हैं जिनकी शहादत को लोग आज भी याद करते हैं. तीन हजार के करीब सिपाही से लेकर अधिकारी तक रिटायर फौजी गांव में मौजूद है. उनके गांव को आज भी फौजियों के गांव के नाम से जाना जाता है. पूर्व में सेना में भर्ती होने के लिए इस गांव में स्पेशल भर्ती हुआ करती थी. युवाओं के जोश और जुनून को देखते हुए सेना के अधिकारी इस गांव में अलग से स्पेशल यहां आके युवाओं को भर्ती कराया करते थे. सेना में सबसे ज्यादा शहादत देने वालों में सैदपुर का नाम सबसे आगे है.

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Source – News18