भगवान राम से कैसे जुड़ा है उत्तर प्रदेश का राजकीय संप्रतीक?

संप्रतीक (Emblem) यानी एक वस्तु या चिह्न जो किसी चीज को दर्शाती है. राष्ट्र के नजरिए ये से देश का राजकीय चिह्न होता है. भारत का संप्रतीक अशोक का सिंह स्तंभ है जिसमें चार शेर हैं जो एक दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं. ये चिह्न भारत सरकार से जुड़े हर दस्तावेज, नोट आदि पर आपको नजर आ जाएगा. उसी प्रकार राज्यों के भी संप्रतीक (Uttar Pradesh Emblem Meaning) होते हैं. आज हम उत्तर प्रदेश के राजकीय संप्रतीक की बात करेंगे जिसका संबंध भगवान राम (UP Emblem Lord Ram) से भी है! जी हां, अगर आप ये जानकर हैरन हो गए हैं, तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

न्यूज18 हिन्दी की सीरीज अजब-गजब ज्ञान के तहत हम आपके लिए लेकर आते हैं देश-दुनिया से जुड़ी ऐसी अनोखी जानकारियां जो हर किसी को हैरान कर देती हैं. आज हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के राजकीय संप्रतीक की. दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर किसी ने ये सवाल किया कि उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो क्या है और उसमें क्या बना है. कुछ लोगों ने इसका उत्तर भी दिया है, पर वो सोशल मीडिया पर दिए जवाब हैं, ऐसे में उनके ऊपर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता.

Uttar Pradesh Emblem Meaning

सरकार ने उ.प्र. का राज्य संप्रतीक (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध) विधेयक 2019 में संप्रतीक के बारे में बताया है. (फोटो: prsindia.org)

ऐसा है उत्तर प्रदेश का राजकीय संप्रतीक
उत्तर प्रदेश का राजकीय संप्रतीक (Emblem) में आपको दो मछलियां बनी दिखेंगी जो एक ही प्रकार की हैं. उनके बीच मोटी लकीरें बनी नजर आएंगी जो नीचे एक हैं मगर ऊपर की ओर दो अलग-अलग दिशाओं में हैं. इसके अलावा एक धनुष भी बना हुआ है. ये एक चक्राकार मुद्रा से निर्मित है, यानी एक गोले के अंदर बना हुआ है. आपने राज्य की सरकारी गाड़ियों या पुलिस की वर्दी के ऊपर इस चिह्न को लगे देखा होगा. आज हम आपको इसका अर्थ बताने वाले हैं.

क्या है संप्रतीक का अर्थ?
उ.प्र. का राज्य संप्रतीक (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध) विधेयक 2019 के अनुसार दोनों मछलियां (मत्स्य मछली) अवध के पूर्व मुस्लिम शासकों का प्रतिनिधित्व करती हैं. उनके बीच जो मोटी लकीर है, वो प्रयागराज स्थित संगम को दर्शाती हैं जहां गंगा और यमुना का संगम स्थल है. अब आते हैं धनुष पर जो भगवान राम से जुड़ा है. ये धनुष और बाण अयोध्या (Ram Mandir Ayodhya) में भगवान राम का ही प्रतिनिधित्व करने के लिए रखा गया है. इस अधिनियम में ये साफ किया गया है कि राज्य संप्रतीक का किसी लेटर पैड, विजिटिंग कार्ड आदि पर प्रयोग किया जाना, राज्य सरकार की गरिमा तथा प्राधिकार का द्योतक है.

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Source – News18