सिर्फ आराम करने के लिए छोड़ दी नौकरी, पैसा कम पड़ा तो तंबू में रहने लगा, 29 साल के इस युवक की गजब कहानी

जिंदगी की भागदौड़ हम सभी को थका देती है. कई बार दफ्तर में बहस भी हो जाती है. मन इर‍िटेट हो जाता है तो लगता है कि सब छोड़-छाड़ के घर बैठा जाए. लेकिन जिंदगी जीने के लिए पैसा तो चाह‍िए. और इसके लिए काम करना होगा. मगर 29 साल का एक शख्‍स इससे काफी आगे निकल गया. कारपोरेट कल्‍चर से वह इतना तंग आ गया कि अच्‍छी खासी नौकरी छोड़ दी. पैसा कम पड़ा तो तंबू में रहने लगा. खर्चों में कटौती की, लेकिन अभी भी वह काम नहीं करना चाहता. वह सिर्फ आराम करना चाहता है.

मामला चीन के सिचआन प्रांत का है. ली शु नाम के इस शख्‍स ने 2018 में अच्‍छी खासी नौकरी छोड़ दी और अपना अधिकांश समय अपने किराये के अपार्टमेंट में चिल करने में बिताने लगा. लेकिन जल्‍द ही उसे महसूस हुआ कि बिना किसी कमाई के वह अपनी सारी बचत धीरे-धीरे खर्च कर देगा. तब से वह अपने रोजमर्रा के खर्चों में कटौती करने लगा. सिर्फ 120 रुपये में दिन भर गुजारने लगा. फ‍िर भी किराया देने के लिए पैसों की जरूरत थी, तो उसने अपना सारा सामान बेच दिया. इससे तकरीबन 5 हजार रुपये मिले तो एक तंबू खरीदकर पार्क में रहने लगा. पिछले 200 दिन से वह पार्क में रहता है लेकिन वह फ‍िर जिंदगी की चूहा दौड़ में शामिल नहीं होना चाह‍ता.

नूडल्‍स खाकर बिता रहा जीवन
ली शु के पास इस समय सबसे कीमती चीज उसका पुराना तंबू है. वह पूरा नूडल्‍स और पकौड़ी जैसा सस्‍ता फूड खाता है. कभी-कभी खाना बनाने का मन करे तो सिर्फ आलू और अंडे पका लेता है. पानी के लिए उसे काफी दूर पैदल जाना पड़ता है. फोन चार्ज करने के लिए भी उसे दूसरों की मदद लेनी पड़ रही है, क्‍योंकि उसके तंबू में इलेक्‍ट्र‍िस‍िटी नहीं है. इसके बावजूद उसे यह जीवन सबसे शानदार लगता है. शु ने कहा, मुझे को डांटने वाला नहीं. कोई निर्देश देने वाला नहीं. गलत‍ियों पर फटकारने वाला नहीं. यानी कभी भी मन को तकलीफ देने वाला कोई नहीं. यह मेरी च्‍वाइस है. काफी शांत‍ि और सुकून मिल रहा. धीरे-धीरे आप ऐसी पर‍िस्‍थ‍ित‍ियों के अभ्‍यस्‍त हो जाएंगे. यह काफी आरामदेह है.

दोस्‍तों की पेशकश भी ठुकराई
युवक ने चीनी पत्रकारों से कहा, मुझे नौकरी की कोई कमी नहीं. कई दोस्‍तों ने ऑफर भी किए. कुछ ने घर भी ऑफर किया ताकि मैं वहां जाकर रह सकूं. कुछ ने पैसे देने की पेशकश भी की ताकि मैं अपना कारोबार शुरू कर सकूं. लेकिन इन सबसे जीवन की फ‍िर वही भागदौड शुरू हो जाएगी, जो मैं नहीं चाहता. मैं अपनी सरल और कम खर्चे वाली सुकून की जिंदगी जीना चाहता हूं. ली शु के तम्बू के किनारे एक नोट चिपका रखा है. इसमें लिखा है कि कृपया राहगीर मेरा सामान खराब न करें. अगर आपको कोई असुविधा हो रही है तो मैं विनम्रता पूर्वक क्षमा मांगता हूं. ली की कहानी ने एक बार फिर चीन के बढ़ते लेइंग डाउन मूवमेंट को जिंदा कर दिया है. कई लोग चाहते हैं कि उन्‍हें आराम मिले.

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Source – News18