हरियाणा में फेमस है ये हुक्का…60 किलो वजन, लगती हैं 7 चिलम

कासिम खान/नूंह: हुक्के को हरियाणा में भाईचारे का प्रतीक माना जाता है. आज भी हरियाणा के हर गांव में इसकी झलक देखने को मिलती है. शायद ही कोई गांव होगा जहां हुक्का नहीं होगा. हरियाणा में चर्चा चाय पर नहीं, हुक्के पर होती है. प्रदेश के हर गांव के चौबारे पर या फिर पीपल के पेड़ के नीचे आज भी बुजुर्गों की टोली हुक्का पीते मिलेगी.

या यूं कहें कि गांव की कोई भी चर्चा या छोटा-बड़ा फैसला हुक्के की गुड़गुड़ाहट के बिना नहीं लिया जाता. इसी कड़ी में आपको एक ऐसे हुक्के के बारे में बताएंगे जिसका वजन 60 किलो है. यही नहीं, यह हुक्का इतना मशहूर है कि इसकी गुड़गुड़ाहट लेने के लिए लोग दूर-दूर से लोग नूंह पहुंचते हैं.

हुक्के में सात चिलम
नूंह के पुन्हाना उपमंडल में लुहिंगा कलां गांव में एक खास तरह का हुक्का है, जो बाकी हुक्कों से अलग है. हिदायत बताते हैं कि उनके बुजुर्ग हुक्के के बड़े शौकीन थे. बुजुर्गों ने इस 60 किलो के हुक्के को करीब दो दशक पहले हरियाणा के रेवाड़ी जिले से खरीदा था. उस समय इसकी कीमत 15 हजार अदा की गई थी. हुक्के के वजन के साथ-साथ इसकी एक खासियत यह भी है कि इसमें हुक्के की एक नहीं बल्कि सात चिलम को लगाया गया है. इन सातों चिलम को अलग-अलग जगहों से लाया गया है.

आकर्षण का केंद्र है यह हुक्का
यह हुक्का सिर्फ गांव के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. लोग यहां दूर-दूर से इस हुक्के की गुड़गुड़ाहट लेने के लिए पहुंचते हैं. यकीनन आज के समय में भी हुक्का अपने अंदर कई पुरानी यादें संजोए हुए है. हालांकि, तम्बाकू का सेवन सेहत के लिए हानिकारक है.

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Source – News18