MP के इस गांव का नाम सुनकर आप भी हंस पड़ेंगे, जानें ‘लंगोटी गांव’ की कहानी

खंडवा. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित एक ऐसा गांव है, जिसका नाम सुनते ही कोई भी मुस्कुरा उठे. यह नाम जितना मजेदार है, उतनी ही अनोखी है इस गांव की कहानी. हम बात कर रहे हैं खंडवा की हरसूद विधानसभा के खालवा ब्लॉक में बसे लंगोटी गांव की. एक ऐसा नाम, जो पहली बार सुनने पर लोगों को चौंका देता है लेकिन इसके पीछे की सच्चाई बहुत ही रोचक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है. दरअसल लंगोटी गांव खालवा ब्लॉक के गहराई वाले आदिवासी इलाकों में बसा हुआ है. यह क्षेत्र कोरकू जनजाति की बहुलता के लिए जाना जाता है. आसपास घना जंगल, पहाड़ी इलाका और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर वातावरण है. गांव तक पहुंचना थोड़ा चुनौतीपूर्ण जरूर है लेकिन वहां की संस्कृति और लोग इसे खास बनाते हैं.
क्या है गांव की खासियत?
खंडवा निवासी समाजसेवी लव जोशी लोकल 18 को बताते हैं कि आज भी यह गांव अपनी प्राकृतिक जीवनशैली, पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान और सरलता के लिए जाना जाता है. यहां के आदिवासी जंगल में काम करते हैं. जंगल की वनस्पतियों और औषधीय पौधों की उन्हें गहरी जानकारी होती है. किसी को चोट लग जाए, बुखार हो या घाव, वे अपना इलाज जंगल से ही कर लेते हैं. गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उनके पूर्वजों के पास ऐसी बहुत सी जानकारी थीं, जो आज के आधुनिक डॉक्टरों को भी नहीं हैं. ये परंपरागत ज्ञान की विरासत ही लंगोटी गांव की असली पूंजी है.
सामाजिक और आर्थिक स्थिति
हालांकि गांव अब धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ रहा है. सरकार की योजनाएं और पंचायत स्तर पर सुविधाएं आ रही हैं. गांव में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं अब पहुंचने लगी हैं लेकिन जीवनशैली आज भी संघर्षपूर्ण है. गांव के पुरुष दिनभर जंगल या खेतों में मेहनत करते हैं, तो वहीं महिलाएं घर, खेती और जंगल के संसाधनों को समेटने में जुटी रहती हैं. यहां की महिलाएं अत्यंत परिश्रमी हैं और स्वावलंबी जीवन जीती हैं.
नाम से हंसी और जीवन से सीख
लंगोटी गांव भले ही अपने नाम के कारण लोगों को अचरज में डाल दे लेकिन यह गांव हमें सिखाता है कि सादगी, मेहनत और प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन ही असली समृद्धि है. नाम भले ही मजाकिया लगे, पर वहां की संस्कृति, परंपरा और जीवन दर्शन बेहद गंभीर और सम्मान के योग्य हैं. बहरहाल खंडवा जिले के खालवा ब्लॉक का यह अनोखा गांव न सिर्फ नाम के कारण चर्चा में है बल्कि अपने अनोखे इतिहास और आदिवासी संस्कृति के कारण भी विशेष पहचान रखता है. लँगोटी नाम भले ही हंसाता हो लेकिन इसकी जड़ें गर्व, परंपरा और संघर्ष की कहानी बयां करती हैं, जो आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है.
Source – News18

